देश में कोरोना की स्थिति में लगातार सुधार, मरीजों की वृद्धिदर छह फीसदी तक सिमटी

नई दिल्ली। देश में कोरोना की स्थिति में लगातार सुधार है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए गठित उच्च स्तरीय मंत्रिमंडलीय समूह (जीओएम) की बैठक में अब तक की उपलब्धियों और भविष्य की तैयारियों का जायजा लिया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जीओएम को बताया गया कि शनिवार को कोरोना के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी की दर छह फीसदी आ गई है, जो 100 केस आने के बाद से लेकर अब तक सबसे कम है। यही नहीं, कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी होने लगने वाला समय औसत समय नौ दिन से ऊपर चला गया है।


मरीजों की संख्या दोगुनी होने में लगे औसतन 9.1 दिन


दरअसल लॉकडाउन से पहले देश में कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी होने की गति बहुत तेज थी और हर तीन दिन में उनकी संख्या दोगुनी हो जा रही थी। लॉकडाउन से इस पर लगाम लगा और पिछले एक हफ्ते में इसमें 10 दिन से अधिक का समय लग रहा है। जीओएम को बताया गया कि मरीजों की संख्या 24 हजार से अधिक हो गई है और इनकी संख्या दोगुनी होने में औसतन 9.1 दिन लग रहे हैं और इसमें लगातार सुधार आ रहा है। मरीजों की संख्या दोगुनी होने में अधिक समय लगने का अर्थ यह है कि कोरोना के फैलने की गति कमजोर पड़ रही है वह अपने पीक की ओर बढ़ रहा है। शुक्रवार को नीति आयोग के सदस्य व उच्चाधिकार प्राप्त टास्क फोर्स-एक के प्रमुख डाक्टर वीके पॉल ने ग्राफ में दिखाया था कि मई महीने में कोरोना के मरीजों की संख्या कम होनी शुरू हो जाएगी।


भारत में लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव


जीओएम की बैठक में दिये गए प्रजेंटेशन में बताया गया कि देश में कोरोना से ठीक होने वालों का प्रतिशत 20 फीसदी से अधिक पहुंच गया है और मृत्यु दर 3.1 फीसदी है, जो दुनिया के अधिकांश देशों से काफी बेहतर है। यह भारत में लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव से लेकर वायरस के कंटेनमेंट की बेहतर रणनीति और मरीजों के बेहतर प्रबंधन और इलाज को दर्शाता है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में हुई जीओएम की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक उडड्यन मंत्री हरदीप पुरी और चीफ आफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत समेत विभिन्न अधिकारप्राप्त टास्क फोर्स के प्रमुख और कई मंत्रालयों के सचिव भी मौजूद थे।


कोरोना से निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत: स्वास्थ्य मंत्रालय


स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जीओएम की बैठक में कोरोना को रोकने अभी तक मिली सफलता पर संतोष व्यक्त किया गया, लेकिन साथ ही किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने की भी जरूरत बताई। इसके लिए सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में कोबिड अस्पताल व अन्य जरूरी उपकरण तैयार रखना जरूरी है। जीओएम को बताया गया कि कोरोना के इलाज के दौरान डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए जरूरी पीपीई किट और एन95 मास्क का निर्माण देश में होने लगा है और इनका उत्पादन प्रतिदिन एक लाख तक पहुंच गया है। इसके साथ ही गंभीर रोगियों के इलाज में काम आने वाले वेंटिलेटर भी देश में बनने लगा है और देशी निर्माताओं को 59 हजार वेंटिंलेटर का आर्डर दिया जा चुका है।