फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शुक्रवार 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य शिल्पा जैन के अनुसार जब सूर्य कुंभ राशि और चंद्र मकर राशि में होता है।
फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात ये पर्व मनाया जाता है। 21 फरवरी की शाम 5:20 बजे चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। यह 22 फरवरी की शाम सात बजकर दो मिनट पर समाप्त होगी। शुक्रवार रात्रि में शिव पूजन का विशेष समय 12 बजकर नौ मिनट से रात्रि 01:15 के बीच रहेगा।
कुंडली में ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए इस बार अच्छा अवसर है। शनि स्वयं की राशि मकर में है और शुक्र अपनी उच्च की राशि मीन में होंगे, यह दुर्लभ योग है। नौकरी आदि में तरक्की के लिए आपको अपना सूर्य मजबूत करना होगा। सरकारी कामों में सफलता प्राप्त करनी है तो तांबे के लोटे में जल मिश्रित गुण से शिवलिंग का अभिषेक करें।वैवाहिक जीवन मधुर बनाने के लिए जोड़े से पति और पत्नी शिवलिंग का अभिषेक करें। चंद्रमा जिसका खराब हो वह गाय के दूध से अभिषेक करें। यदि आपकी कुंडली में मंगल पीड़ित है तो शिवलिंग का अभिषेक हल्दी मिश्रित जल से करें। अगर कुंडली में बुध की स्थिति खराब है तो शिव-पार्वती की गठबंधन कर पूजा करें। इसके बाद सात कन्याओं को भोजन कराएं।
गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए अपने माथे एवं नाभि पर केसर का तिलक लगाएं। केसर मिश्रित जल चढ़ाएं। शिवलिंग में सबसे ज्यादा एनर्जी पाई जाती है। कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के लिए दूध-दही से अभिषेक करें। कुंडली में शनि ग्रह पीड़ित है तो सरसों के तेल से अभिषेक करें।
राहु ग्रह को मजबूत करने के लिए जल में कुछ मात्रा काले तिल, जौ मिलाकर या कुशा के जल से शिव अभिषेक करें। केतु ग्रह को मजबूत करने के लिए जल में शहद मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। सभी व्यापारी वर्ग के लोग गाय के दूध एवं गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। विद्यार्थी सफेद चंदन मिश्रित जल चढ़ाएं तथा घी का दीपक जलाकर मीठे पान का भोग लगाएं।